पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद ३.pdf/२३

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....मिश्रबंधु विनोदः : ... . .. मिश्रित है...इनको गणना - साधारण श्रेणी, में की जाती है । उदाहरण-~- ...बाम धरे:सम देखिकै मारग ऊँच औ : नीच परै पग नाहिन । एकहि हाथ कठोर करी कृति एक करोट परे कहैं आहिन । पूरन प्रेममई अनुकूलता देखि लगै मन मैं रुचि काहि न ; भावन भावती के सुखदायक और कहूँ हर सो हर ताहिन । नाम-(१३२७) मनसा । .विवरण-तोष श्रेणी... .. उदाहरण- '. मलयज - गारा . करें. अंगनः.. सिंगारा करें, ...: ... .:.गहि. उर ..डारा - करें माल- मुकतान: की. प्रारती. उतारा, करें... पंखा चौर. ढारा करें,... ...: छाँ हैं बिसताराः करें बिसद बितान की। मुख सों निहारा फरें दुख को बिसारा करें, ... मनसा इसारा. करें सारा अँखियान की; मानिक प्रदीपन सों थारा साजि. ताराजू की, आरती उतारा करें दारा देवतान की॥१॥ नाम- (१३२८.) राम कवि । देखो नं० १६३२.) ... ग्रंथ रसिकजीवनसंग्रह । हनुमान नाटक [ द्विः त्रै रि०.] : विवरण-इस संग्रह में दस महात्माओं की वाणी तथा पद संग्रह किए गए हैं। यह एक बड़ा ग्रंथ है, परंतु किसी ... .. का भी समय इसमें नहीं कहा गया है। यदि समय . .. .. इत्यादि भी दे. दिए जाते, तो बड़ा ही उपयोगी ... हो जाता । यह संग्रह हमने दरबार छतरपूर में देखा है। नाम-(१३२९) वहाब । ग्रंथ- बारहमासा। . . .