पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद ३.pdf/२५

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मिनबंधु-विनोद विवरण नडियाद-निवासी। नाम-(१३३३) अजीतसिंह । ग्रंथ-सावली सोमवंशीरी। विवरण-राजपूताने के कवि हैं। नाम-(१३३३) अत्ता कवि । अंथ—स्फुट कान्य । विवरण--आपकी कविता सड़ौवा-संग्रह में मिलती है। उदाहरणा- बैठिए न पनघटा पैठिए न जल धाय, रोधिए न बल पाय विद्या को सुधारिए । गाइए न मग राग छाइए न परदेश, जाइए न सूम द्वार बृथा गुन हारिए । बोलिए न मँठो बात खोलिए न ऐबन को, डोलिए न खेत चढ़ि साहस सँभारिए अपने पराए को सिखाय चहे यारो कबि, अत्ता को बचन यह मन में बिचारिए । नाम-(१३३४ ) अधीन (भागीरथीप्रसाद ), बाँकीभौली। ग्रंथ-शंभुपचीसी। विवरण-साधारण श्रेणी के कवि थे। नाम--(१३३४) अनुरागीदास । ग्रंथ-(१) डगहुंडी, (२) दीनविरुदावली, (३) जुगल- विरुदावली, (४)गुरुविरुदावली, (५) भक्तविरुदावली। विवरण-आप कृष्णगढ़-राज्यांतर्गत गोध्याणा ग्राम-निवासी चारण · मनोहरदास के पुत्र थे। नाम-(१३३५ ) अनंगचूर पंडित । ग्रंथ-नवमंगल ।