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मिश्रबंधु

. मिश्रबंधु-विनोद सं० १९५५ विवरण-श्राप उत्साही और अच्छे लेखक थे। नाम-(३७४०) त्रिलोचन मा। जन्म-काल-सं० १९३५ । रचना-काल-सं० १९१४ । ग्रंथ--(१) गणपतिशतक, (२) श्रीमंगलशतक, (३) आत्म- विनोद, (४) जनेश्वर-विलाप, (१) शोकोच्छ्वास, (६) श्रीकला- नंद-विनोद, (७) मिथिला की वर्तमान अवस्था और श्रावश्यक सुधार, (८) सम्मेलन-संवाद, (६) जीवन-चरित्र-विषय, (१०) शकुंतलोपाख्यान । विवरणं-बाप बेतिया, जिला चंपारन-निवासी कुमार झा के . उदाहरण- लोचन सुंदर रूप बसी मन पीतम माँहि लगावति है पूजत लेइ सरोज-कली अरु तुंग उरोज चढ़ावति है। धो यह स्वेद चले तन ते अथवा करि नेह नहावति है यो विपरीत रमें ललना की अनोज को मंत्र जगावति है। समय-संवत् १६५४ नाम-(३७४१) अनिरुद्धसिंह । कविता-काल-सं० १९५५ । यह जैपालपुर, जिला सीतापुर-निवासी पवार ठाकुर थे। आपकी अकाल मृत्यु प्रायः २७ वर्ष की अवस्था में हो गई । श्राप हमारे मित्र थे, और कविता अच्छी करते थे। समस्या-पूर्ति के छंद काव्य सुधाधर पत्र में भेजा करते थे। आप साधारणतया एक बड़े जमींदार थे। नाम-(३७४२) अमीर राय (मोर ), सागर, मध्यप्रदेश । जन्म-काल-सं० १९३० । अंथ---कुछ ग्रंथ रचे ।