पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद ४.pdf/४६१

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
४६१
४६१
मिश्रबंधु

मिश्रबंधु-विनोद सं० १६७. देखत राह थी अँखियाँ नहिं पाए सखी अजहूँ बनमाली i सो-सी प्रभागिन को यह ग्राज बसंत नहीं बस अंत है श्राली। नाम---( १७५) छेदालाल कायस्थ । ग्रंथ-~-अवला-मनरंजन। नाम-( ४१७६) जगतनारायणलाल एम० ए०, एल-एल० बी०, एम्० डी०, पटना। जन्म-काल ----सं० १९४७ । रचना-काल-सं १९७० के लगभग। ग्रंथ --(1) ही आवश्यक बात, (२) अर्थशास्त्र, (३) हिंदू-धर्म। विवरण-आपने अर्थशास्त्र तथा हिंदू-धर्स पर कई पुस्तकें लिखी हैं। पटने से निकलनेवाले 'महावीर' पत्र के संपादक हैं । इस समय बिहार-पाईन-सभा के सदस्य हैं। नाम-( ४१७७ ) जगदंवाप्रसाद (हितपी), कानपुर- निवासी ब्राह्मण जन्म-काल-सं. १९४५ के लगभग । रचना-काल-सं० १९७० । रचना --स्फुट छंद । विवरण राजनीतिक कार्यकर्ता, जेल-भुक्त, देश-प्रेमी महाशय हैं। रचना भी अच्छी करते हैं। नाम-(४१७८ ) दशरथ बलवंत यादव, देवरी, सागर (मध्यप्रदेश)। जन्म-काल--सं० १९४६ । रचना-काल-सं० १९७० के लगभग । अंथ--(१) सदाचार-सोपान (अनुवाद), (२) त्रिदेव- निरूपण (अनुवाद), (३) खी-शिक्षा, ४) माता का कर्तव्य