पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद ४.pdf/५

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
मिश्रबंधु

मिश्रबंधु-विनोद अथवा हिंदी-साहित्य का इतिहास तथा कवि-कीर्तन (चतुर्थ भाग) लेखक गणेशविहारी मिश्र रावराजा रा०व० श्यामविहारी मिश्र एम० ए० रा० ब० शुकदेवविहारी मिन बी० ए० "ते सुकृती रससिद्ध कवि बंदनीय जग माहि जिनके सुजस-सरीर कहूँ जरा-मरन-भय माहि।" मिलने का पता- गंगा-ग्रंथागार ३६, लाटूश रोड लखनऊ प्रथमावृत्ति सजिल्द ॥] सं० १६६ [सादी) M