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मिश्रबंधु

मिमबंधु-विनोद सं. १९ पुत्री तथा गुरुकुल की स्नातिका है। स्त्री-शिक्षा और समाज-सुधार- संबंधी. आपके हिंदी लेख पत्र-पत्रिकाओं में प्रायः निकला करते हैं। नाम-(४५५६) शंभुदयाल दीक्षित 'द्विज शंभु' लखनऊ- निवासी। रचना-काल-सं० १९८६ । ग्रंथ-अछूत-पचीसी। नाम-(४५५७ ) श्यामसुंदर चतुर्वेदी, मैनपुरी। जन्स-काल-सं० १९६१। विवरण- --यह पं0 गेंदालालजी मिश्र के पुत्र हैं । कलकते में श्राप 'उद्योग' पत्र का संपादन करते हैं । आपकी कविता जमाषा और खड़ी बोली दोनो में होती है। समय-संवत् १९८७ ~~(४५५८) अवधविहारोलाल शर्मा 'विमल लखनऊ। रचना-काल---सं० १९८७ । ग्रंथ-(१)नारी-संगीत-रन (४ भाग), (२) जुधा-दोष- दर्शन, (३) वेश्या-दोष-दर्शन आदि कई ग्रंथ । विवरण-खड़ी बोली के लेखक । नाम--(४५५६) कल्याणकुमार ( जैन जन्स-कालसं० १६६७ । रचना-काल-सं० १९८७ ग्रंथ-(१) कविता-कुज, (२).शारदा-स्तवन, (३)पय की श्राव (जल), (४) ॐकार तथा वीर रस की कविताएं कर वाणी" और "श्रादर्श जैन' पत्रों में छपी हैं। विवरण-रामपुर-राज्य-निवासी संडेलवाना है। नाम--(४९६०) चंद्रकला । 'जन्म-काल-सं० १६६६ ।