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पृष्ठ:मुद्राराक्षस.djvu/३

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समर्पण


परम श्रद्धास्पद


श्रीयुक्त राजा शिवप्रसाद बहादुर, सी० एस० आई०

के

चरण कमलों में

केवल उन्हीं के उत्साहदान से

उनके

वात्सल्यभाजन छात्र द्वारा बना हुआ

यह ग्रन्थ

सादर समर्पित हुआ