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पृष्ठ:मेरी आत्मकहानी.djvu/६६

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मेरी बामफहानी ५९ Et=एत, जैने Sulphinet=गत Ir=#7157, h Intimonic=stalak Ide=50, t Bromide af Inc=इन, जैसे .Imnes अमीन Ile='प्रायित, जैसे irrente= तालायित anl इल, जैस Chromyl==ोमिल Onlोट या कल्प, जैसे Alkalond = क्षारोद Ouv=सया प्रम, जैसे Ferous = लोहस प्राजक्ल मातृ भाषा-द्वारा शिक्षा देने का आयोजन हो रहा है और यह प्रस्ताव हो रहा है कि उनतम वैज्ञानिक शिना भी यथासमय मातृभाषा ही के द्वाग दी जाय । मेरी समझ में नहीं आता कि यह नाम कैसे हो सकता है जब तक पारिभाषिक शब्दों की एक प्रेमी सूची न घना ली जाय जो सर्वपार हो। हिंदी, गुजराती, मराठी और अंगला में समान शब्दों के प्रयोग में कोई बाधा नहीं है। ऊपर जिम प्रणाली का वर्णन किया गया है वह कितनी कुशलता से बनाई गई है इसका अनुभव थोड़ा विचार करने से ही हो सकता है। यदि इस काश को आधार मानकर आगे का काम किया आय और इसकी त्रुटियो को दूर कर दिया जाय तो काम बड़ी सुगमता से हो सकता है और उसका प्रचार देश भर में हो सकता है। इस वैनानिक कोश को प्रस्तावना में मैने सब विवरण देकर अंत में यह लिखा था- Patanjalı says in his 'Mahâbhâsya': "No onc goes to the house of thic grammarian and says