योंकी आवश्यकताओंकी पूर्तिका प्रयत्न त्याग दें ।
तामिल नाडू प्रान्त के कोयम्बतूर जिलेके उत्तु कुलि ग्रामम
ऐसा केन्द्र है जहां कपास ओटने से लेकर वस्त्र
तैयार होने तकका सब काम कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की
देखरेख में ही होता है। दक्षिण भारत में तथा अन्यत्र इसी
प्रकार के बहुत से कारखाने हैं । इसके लिये विशेषज्ञों की एक
छोटी समिति इन प्रश्नोंपर विचार करने के निमित्त शीघ्र ही
स्थापित होनी चाहिये । बड़े मार्केकी बात यह है कि विदेशी
वस्त्रों के बहिष्कार का प्रभाव लङ्काशायरपर भी पड़ने लगा है ।
तिलक स्वराज्य कोष
दुःखकी बात है कि सर्व भारतीय तिलक स्वराज्य कोष के
लिये चन्दा एकत्र करने में कठिन दमन नोति तथा उसके बादकी
शिथिलता के कारण बड़ी बाधा पड़ी । इस महत्वपूर्ण विशेष
कार्य के करनेवाले बहुतेरे कार्यकर्ता अब जेल में हैं । पुलिस ने
कितने ही कांग्रेस के दफ्तरोंपर आक्रमण कया और हिसाब,
बही, रसीदे तथा अन्य कामके कागजात उठा ले गई । यह
कारवाई किसो ऐसे मुकदमें के सम्बन्ध में नहीं की जाती थी
जो अदालत में पेश था या जिसकी जांच पुलिस कर रही थी,
प्रत्युत यह मनमानी कार्रवाई थी जिसके कारण पुलिसपर,
यदि उसपर मुकदना चलाने के लिये कोई न्यायालय हो
तो, कई बड़े बड़े अभियोग लगाये जा सकते हैं ।