पृष्ठ:योगिराज श्रीकृष्ण.djvu/१२७

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
128/ योगिराज श्रीकृष्ण
 


गया! कर्ण के मरते ही कौरव सेना ने भागना आरम्भ किया और दुर्योधन के शिविर में दुःख और शोक छा गया। हाँ! लालच और क्रोध ने दुर्योधन की आँखों पर ऐसा परदा डाल दिया था कि इतनी मारकाट पर भी उसका चित्त नहीं पिघला और अब भी उसके दिल से राज्य की अभिलाषा गई नहीं।