पृष्ठ:रघुवंश (अनुवाद).djvu/३१७

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अशुद्धि-संशोधन।

भूमिका।
पृष्ठ पंक्ति अशुद्ध शुद्ध पृष्ठ पंक्ति अशुद्ध शुद्ध
१४ १९ उर्दू में उर्दू और १३८ परिणाम परिमाण
३५ सिद्ध सिद्धि १४१ ३३ गई, गईं।
अनुवाद। १४२ को को,
२६ २३ माण्डलीक माण्डलिक १४५ दाम दान
३२ शैया शय्या १५१ हुए, हुए
३२ ३१ क़ैद कर क़ैद का १५६ १७ रंहा रहा
३६ १७ न वे बन्द होती हैं, न खुलती हैं वे बन्द नहीं होतीं १५६ १७ क्षत्रियों के क्षत्रियों को
१६२ २१ पहने पहनने
१७३ पैरों और और
६१ १३ सिद्ध कर सका सिद्ध न कर सका १९९ २१ दया की पात्र दया का पात्र
७३ २३ प्राप्ति प्राप्त २०३ २४ अभिनन्द अभिनन्दन
७५ लगों लगी २१७ १३ उल्लङ्घन न करके उल्लङ्घन करके
७७ २३ लोग लोक २१८ तरह कर तरह
८९ १६ लगती थीं लगती थी २२० २० तरह, तरह
९२ १८ भोज-नरेश ते भोज-नरेश ने २४४ २१ मिरोड़ मरोड़
१३१ ३३ बूँद कण २५६ १९ कभी, कभी कभी कभी