यदुभाटी लोगों की राजधानी कायम होने के बाद इस प्राचीन वंश का ऐतिहासिक वर्णन समाप्त करके उसका साराँश अत्यन्त संक्षेप में दिया जाता है :- 1. श्रीकृष्ण यदुवंशियों के प्रसिद्ध पूर्वज। 2. जो यदुवंशी अपने मूलनिवास से भाग कर सिन्धु नदी के पश्चिम की तरफ चले गये थे, उन्होंने मरुस्थली में जाकर उपनिवेश कायम किया और रोम तथा खुरासान के वादगाहों के साथ युद्ध किया। 3. जवूलिस्तान अर्थात् गजनी से भागने पर उन लोगों ने पंजाब में अपना उपनिवेश कायम किया और शालिवाहन पुर नामक राजधानी की प्रतिष्ठा की। 4. पंजाव से भागने पर मरुभूमि के पर्वत के ऊपर पहुँच कर तनोट का दुर्ग बनवाया। चगताई लोगो की उत्पत्ति यदुवंशियों से हुई है, यह अनुमान ऐतिहासिक आधार पर कम महत्वपूर्ण नहीं है। मेवाड़ के सिसोदिया वंश के आदि पुरुप वप्पा रावल को भी चित्तौड़ में अपनी राजधानी कायम करने के वाद मध्य भारतवर्ष को छोड़ कर खुरासान जाना पड़ा था। इन सभी वातों से जाहिर होता है कि हिन्दू धर्म भारत से लेकर अत्यन्त सुदूरवर्ती देशों और राज्यों तक उन दिनों में फैला हुआ था और मध्य एशिया के साथ भारतवर्ष के सभी प्रकार सम्पर्क थे। 11
पृष्ठ:राजस्ठान का इतिहास भाग 2.djvu/१७
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