पृष्ठ:राजस्ठान का इतिहास भाग 2.djvu/२८

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सम्वत् 1212 के श्रावण महीने की बदी द्वादशी रविवार के दिन सन् 1156 ईसवी को जैसलमेर की राजधानी की प्रतिष्ठा हुई। इसके बाद लुद्रवा के निवासी अपने परिवारों के साथ वहाँ आकर रहने लगे। जयसल के केलन और शालिवाहन नाम के दो वालक पैदा हुए। जयसल ने एक पाहुवंशी विद्वान को अपना मंत्री नियुक्त किया। भट्टी लोगो के पुराने शत्रु राजपृती ने इन्ही दिनो में फिर खडाल राज्य पर आक्रमण किया और उसके फलस्वरूप, उन लोगो को भयानक क्षति उठानी पड़ी। इस घटना के बाद जयसल पाँच वर्ष तक जीवित रहा। उसके मरने के बाद उसका छोटा लड़का शालिवाहन द्वितीय उसके राज सिंहासन पर बैठा। 22