सामग्री पर जाएँ

पृष्ठ:राजस्थान का इतिहास भाग 1.djvu/८२

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

सरदारों का संगठन सामन्त शासन-प्रणाली में राजा और सामन्तों के कर्त्तव्य जितना महत्त्व रखते हैं, उनसे कम महत्त्व राज्य के सरदारों का नहीं होता। वे सामन्तों के दरवारों के प्रमुख व्यक्ति रहते हैं। उनके जीवन के कार्य सामन्तों के कार्यों के साथ बंधे रहते हैं। शिकार के लिए जाना, राज दरबार में उपस्थित होना, युद्ध स्थल में पहुँच कर युद्ध करना और शत्रुओं का संहार करना राज्य के सरदारों का मुख्य कार्य होता है। सरदार प्रमुख रूप से सामन्तों के दरवार से सम्बंध रखते हैं। वहाँ पर उनकी उपस्थिति अनिवार्य रूप से आवश्यक होती है। उपस्थिति न हो सकने वाले दिनों के लिये सरदारों को नियमानुसार छुट्टी लेनी पड़ती है। राज्य का बहुत बड़ा उत्तरदायित्व सरदारों पर होता है। जहाँ राजा, सामन्त लोग और सरदार अपने-अपने कर्तव्यों का भली प्रकार पालन करते हैं, वहाँ पर सामन्त शासन-प्रणाली कभी असफल नहीं हो सकती। 82