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राजा और प्रजा।
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अधिक परिवर्तन दिखलाई देता है । जो लोग वहाँ किसी भी समय विशेष कुछ नहीं थे, यहाँ वे बातकी बातमें हर्ता-कर्ता बने दिखलाई देते हैं। ऐसी अवस्थामें, नशाकी झोकमें वे इस नूतनलब्ध प्रतापको सबसे अधिक प्रिय और श्रेय समझने लगते हैं।

प्रेमका पथ नम्रताका पथ है। किसी साधारणसे भी साधारण मनुष्यके हृदयमें प्रवेश करनेके लिये अपने मस्तकको उसके द्वारके मापके अनुसार झुकाना पड़ता है । पर जो व्यक्ति अपने प्रताप और प्रेष्टीजके सम्बन्धमें ताजा नवाबके समान सिरसे पैर तक सदा ही सावधान रहता है, उसके लिये यह नम्रता या सिर झुकाना दुःसाध्य कार्य है । अंगरेजोंका राज्य यदि शुरूसे ही आने-जानेका राज्य नहीं होता, यदि वे इस देशमें स्थायी होकर शासनकी उग्रताको थोड़ा बहुत सहन कर सकते, तो यह बात निश्चयपूर्वक कहीं जा सकती है कि वे हमारे साथ हृदय मिलानेकी चेष्टा करनेके लिये बाध्य होते । किन्तु वर्तमान व्यवस्था ऐसी है कि इंग्लण्डके किसी अप्रसिद्ध प्रान्तसे, थोड़े समयके लिए इस देशमें आकर ये लोग इस बातको किसी तरह भी नहीं भूल सकते कि हम कर्त्ता-हर्ता हैं—-स्वामी हैं। इस क्षुद्र दम्भको सर्वदा प्रकाशमान रखने के लिये वे हम लोगोंको सभी बातोंमें निरंतर दूर दूर रखते हैं और केवल प्रबलताके द्वारा हमें अभिभूत कर रखने- की चेष्टा करते हैं । इस बातको स्वीकार करनेमें वे कुण्ठित होते हैं कि हम लोगोंकी इच्छा अनिन्छा भी उनकी राजनीतिको स्पर्श कर सकती है। यहाँ तक कि उनके किसी कानूनसे या किसी विधानसे हम वेदना अनुभव करेंगे और उसे प्रकाश करेंगे, इसे भी वे गुस्ताखी समझते हैं।

किन्तु पति चाहे जितना कठोर क्यों न हो वह अपनी स्त्रीसे केवल बाध्यता ही नहीं चाहता, स्त्रीके हृदयके प्रति भी उसके भीतर ही