इसके बाद पारी बाँध कर हम और फ्राइडे एक दिन और स्पेनियर्ड और फ़्राइडे का पिता दूसरे दिन बकरे पकड़ने के लिए जाने लगे। थोड़े ही दिनों में हम लोगों ने बीस पचीस बकरे और बढ़ा लिये। इसके अनन्तर हम लोगों ने पचास-साठ मन सूखे अंगूर इकट्ठे कर लिये। फसल तैयार होने पर धान और जौ भी बहुत हुए। अनाज रखने के लिए और कितनी ही टोकरियाँ बुननी पड़ीं। स्पेनियर्ड इस काम में बड़ा दक्ष निकला। खाद्य-सामग्री पूर्णरूप से सञ्चित हो जाने पर मैंने स्पेनियर्ड से उनके साथियों को बुला लाने को कहा। उससे मैंने अच्छी तरह समझा कर कह दिया कि जो व्यक्ति शपथपूर्वक मेरा अनुगत होना स्वीकार न करें उन्हें न लाना। जो लोग मेरी अधीनता स्वीकार करें उन के स्वीकृति-पत्र पर मेरी अनुगामिता के विषय में हस्ताक्षर करना होगा। उस समय मुझे इसका खयाल न रहा कि उन लोगों के पास स्याही, कलम और कागज़ भी तो कुछ न होगा। जो हो, स्पेनियर्ड और फ़्राइडे के पिता डोंगी पर सवार हो कर चले गये। मैंने उनके साथ दो बन्दूक़ें, कुछ गोली-बारूद और आठ दिन का भोजन रख दिया। आज सत्ताइस वर्ष के अनन्तर अपने उद्धार की इस प्रकृत आयोजना से मेरा हृदय आनन्द से आप्लावित हो रहा था। कुँवार की पूर्णिमा की रात में अनुकूल वायु देख कर वे दोनों रवाना हुए।
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