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श्री हर्ष
इसके बाद टेक्का का देश, आता है जिसका मुख्य नगर साकल था। वहां पूर्व काल में मिहरकुल राज्य करता था। ह्युयेनत्सङ्ग के समय में साकल में खण्डहर ही दीखते थे। टेक्का का नाम ह्युयेनत्सङ्ग ने दिया है इसका भारतीय नाम क्या है यह ढूंडने का यत्न करना चाहिये। चचनामा[१] में लिखे हुये टाक नाम के साथ और भारतवर्ष के ३६ राजवंशो में से तक्षक
अथवा 'ताक' के साथ इसका सम्बन्ध होना चाहिये। मूलस्थानपुर (मुलान) और पर्वतनगर इस समय इसके आधीन थे। इस देश में केवल बौद्ध धर्म का ही प्रचार न था, किन्तु मुल्तान में सूर्यदेव का प्रख्यात मंदिर था, जहां भक्त लोग दर्शनाथ जाते थे। इस देश का राजा पंजाब में सब से बलवान और प्रसिद्ध था। इसका देश काश्मीर और थाणेश्वर के बीच होने से हर्ष ने इसे हराया होगा ऐसा अनुमान हो सकता है।
- ↑ आठवी सदी में अरबों ने जो सिन्ध पर हमला किया था उसका वृतान्त इस में दिया है।