१६८ ] ३-महावग्ग [ २९६३ थु ल्ल च्च य का दोप होता है । 845 ५--"जव भिक्षुओ ! नवागंतुक भिक्षु नाना प्रकारके सहनिवास वाले आश्रमवासी भिक्षुओंको देखते हैं तो उन्हें एक प्रकारके सहनिवासका ख्याल आता है। एक प्रकारके सहनिवासका न्याल आनेपर वह दर्याफ्त नहीं करते । दफ्ति किये बिना यदि अकेले उपोसथ करें तो दोष नहीं । वह पूछे । पूछकर निश्चय न करें, निश्चय किये बिना यदि अकेले उपोसथ करें तो दुक्क ट का दोष है। वे पूछे, पूछकर निश्चय न करें, निश्चय किये बिना अलग उपोसथ करें तो दोप नहीं। 846 ६–जब भिक्षुओ ! नवागंतुक भिक्षु एक तरहके सहनिवासवाले आश्रमवासी भिक्षुओंको देखें और वह भिन्न सहनिवासवाले हैं का ख्याल करने, भिन्न सहनिवासका ग्याल करके दफ्ति न करें, दर्याफ्त किये बिना अकेले उपोसथ करें तो दुक्क ट का दोप है । यदि वह पूछे, पूछकर निश्चय करें, निश्चय करने के बाद अलग उपोसथ करें तो दुक्क ट का दोप है । वे पूछे, पूछनेके वाद निश्चय करें, निश्चय करके अलग उपोसथ करें तो दोप नहीं। 847 ७-" जब भिक्षुओ ! आश्रमवासी भिक्षु, नवागंतुकोंको नाना प्रकारके वस्त्र पहने देखें और वे एक प्रकारके वस्त्रवाला होनेका ख्याल करें, एक प्रकारके वस्त्रवाला होनेका ख्याल करके दर्याप्त न करें (=न पूछे), पूछे बिना अकेले उपोसथ करें तो दोप नहीं। वे पूछे, पूछकर निश्चय न करें और निश्चय किये बिना अकेले उपोसथ करें तो दुक्क ट का दोप है । वे पूछे, पूछकर निश्चय न करें, निश्चय किये बिना अलग उपोसथ करें तो दोप नहीं। 848 ८-"जव भिक्षुओ ! आश्रमवासो भिक्षु नवागंतुक भिक्षुओंको एक प्रकारके वस्त्रवाला देखें, वे नाना प्रकारके वस्त्रवाला होनेका ख्याल करें, नाना प्रकारके वस्त्रवाला होनेका ख्याल करके दर्याप्त न करें, दर्याफ्त किये बिना निश्चय करें, निश्चय करके अलग उपोसथ करें तो दुक्क ट का दोष है । वे पूछे, पूछकर निश्चय करें, निश्चय करके एक साथ उपोसथ करें तो दोप नहीं।" 849 (३) उपोसथके दिन आवासके त्यागमें नियम १--"भिक्षुओ ! संघका साथ होने या विघ्न-बाधा होनेके अतिरिक्त उपोसथके दिन भिक्षु वाले आश्रमको छोळ, भिक्षु रहित आश्रममें न जाना चाहिये । 850 -"भिक्षुओ संघका साथ होने या विघ्न-बाधा होनेके अतिरिक्त उपोसथके दिन भिक्षुवाले आश्रमको छोळ जो आश्रम भी नहीं है और जहाँ भिक्षु भी नहीं है वहाँ नहीं जाना चाहिये । 851 ३--"भिक्षुओ ! संघका साथ होने या विघ्न-बाधा होनेके अतिरिक्त उपोसथके दिन भिक्ष वाले आश्रमसे न भिक्षु रहित आश्रममें जाना चाहिये और न वहाँ ही जाना चाहिये जो आश्रम नहीं है । 852 ४-- "भिक्षुओ ! संघका साथ होने या विघ्न-बाधा होनेके अतिरिक्त उपोसथके दिन जो (भिक्षु) आश्रम नहीं है किन्तु वहाँ भिक्षु रहते हैं, ऐसे स्थानसे भिक्षु-रहित आश्रममें नहीं जाना चाहिये । 853 ५-"भिक्षुओ ! संघका साथ होने या विघ्न-बाधा होनेके अतिरिक्त उपोसथके दिन ऐसे स्थान से जो (भिक्षु) आश्रम नहीं है किन्तु जहाँ भिक्षु रहते हैं ऐसे स्थानसे उस स्थानको नहीं जाना चाहिये जो न (भिक्षु-) आश्रम है और न जहाँ भिक्षु रहते हैं। 854 ६-"भिक्षुओ ! संघका साथ होने या विघ्न-बाधा होनेके अतिरिक्त उपोसथके दिन जो (भिक्षु-) आश्रम नहीं है किन्तु जहाँ भिक्षु हैं, ऐसे स्थानसे उन स्थानोंको नहीं जाना चाहिये जो
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