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पृष्ठ:विवेकानंद ग्रंथावली खंड 3.djvu/१९

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कर्मयोग
 

कभी। तब हम सब लोग आशा कर सकते हैं कि इस जीवन- सरिता में बहते एक समय हम सभी स्वार्थ-त्यागी हो सकेंगे। जब वह समय आयेगा, तब हमारी सभी विच्छिन्न शक्तियाँ एकत्र हो जायँगी, और सत्य का ज्ञान हमारा होकर तुरंत प्रकाशित होगा।