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[चेद और उनका साहित्य (विदग्ध ) के पूर्वोत्तर कुछ ऋग्वेदीय भाचार्यों की गुरुपरम्परा का चित्र निम्नलिखित है- पैन (ऋग्वेदाभ्यापक) इन्द्रप्रमति बाष्कल मार्कण्डेय बोध थग्निमान पाराशर याज्ञवल्क्य सत्यश्रवाः - सत्यहित सायश्रिय 1 1 देवमित्र शाकल्य रथान्तर बामाले भरद्वाज । मुद्गल गोजक खालीय मत्स्य शैशिरी ताराइय, दैवत, पड्विश, मंत्र प्रामण, संहितोपनिषद्, थाय. वंश, समविधान, जैमिनि उपनिषद, तलवकार, शास्रायन और काल- बबि प्रादि अनेक ब्राह्मण अन्य बन गये। धीरे-धीरे वेद का वास्तविक महत्व नष्ट हुया और स्वार्थियों ने यज्ञ के नाम पर भयानक हिंसा और भ्यभिचार सम्बन्धी पाप करने कर