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वेनिस का बांका
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का कोई अवसर हस्तगत हो परन्तु जितनाही वे उसको खोजते थे उतनाही वह उनसे दूर भागता था। निदान इसी तर्क वितर्क में दोनो ने अपना बहुतसा समय जो दैवात् हस्तगत हुआ था खोया।

कुछ क्षण बाद रोजाविला इस सन्नाटेके निवारण करने के लिये अचाञ्चक बोल उठी "यह कितना सुन्दर कुसुम है" और फिर उसने झुककर अत्यन्त अनुराग से एक लालाका कुसुम तोड़ लिया। इसके उत्तर में फ्लोडोआर्डो ने अत्यन्त गम्भीरता से कहा "यह फूल निस्सन्देह सुन्दर है" परन्तु इसी के साथ वह स्वयं अपने पर अत्यन्त झुंझलाया कि ऐसा सूखा उत्तर मैंने क्यों दिया।

रोजाबिला―"कोई रंग इस बैंगनी रंग की समता नहीं कर सकता। इसमें नीला और लाल रंग दोनों ऐसे मिले हैं कि कोई चित्रकार लाख चाहे यह बात पैदा नहीं कर सकता"।

फ्लोडोआर्डो―"लाल और नीला"? एक हर्ष का चिह्न और दूसरा प्रीतिका। हाय! रोजाबिला वह कौन ऐसा भाग्यवान होगा जिसको आप अपने कोमल करसे यह फूल प्रदान करेंगी आप जानती हैं कि हर्ष और प्रीति उस लाला के नीले और लाल रंग की अपेक्षा कहीं बिशेषता के साथ एक दूसरे से सम्मिलित हैं"।

रोजाबिलो―"महाशय आपने तो उस कुसुम की पदवी इतनी बढ़ादी जिसके योग्य वह नहीं है"।

फ्लोडोआर्डो―"भला मुझे ज्ञात हो सकता है कि किसको आप वे बस्तुयें देंगी जो उस सुमन से प्रकट होती हैं? परन्तु यह एक ऐसी बात है जिसके विषय में मुझको कुछ बात चीत न करनी चाहिये। न जाने मुझे आज क्या हो गया है कि प्रत्येक कार्य्य में मुझसे चूक होती है, राजतनये आप