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वेनिस का बांका
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अंड्रियास। "बहुत अच्छा यह भी किया जायगा"।

फ्लोडोआर्डो। "एक बात और है जिसको मैं भूल ही गया था किसी व्यक्ति को इस निमन्त्रण का समाचार ज्ञात न हो जावे। उस समय आप उचित होगा कि गजभवन के चारों ओर और द्वार पर पहरा बैठालें क्योंकि सच पूछिये तो यह अबिलाइनो ऐसा दुष्टात्मा है कि जितनी सावधानी उसके विषय में की जाय उत्तम है। मेरी अनुमति है कि यह भी उचित और उपयुक्त होगा कि द्वारपालकों और प्रहरियों की बन्दूकें भी भरी हों और उनको इस विषय की पूर्ण शिक्षा दे दीजाय कि वे प्रत्येक व्यक्ति को आने दें परन्तु किसी को बाहर न जाने दें"।

अंड्रियास। "ये सब बातें तुम्हारी प्रार्थनानुसार की जायँगी"।

फ्लोडोआर्डो―"अब मुझे कुछ नहीं कहना है, मैं बिदा होता हूँ, प्रणाम, रोज़ाबिला कलह पाँच बजे फिर तुम से मिलूँगा और नहीं तो फिर कभी नहीं"।

यह कह कर फ्लोडोआर्डो आयतन से द्रुतवेग से निकल गया। अंड्रियास ने अपना शिर हिलाया, और रोजाबिला अपने पितृव्य के अंक से लिपट कर उच्चस्वर से रुदन करने लगी।



विंशति परिच्छेद।

गत परिच्छेद में, फ्लोडोआर्डो और नृपतिवर्य्य अंड्रियास का भाषण और उसका अन्तिम विवरण वर्णन किया गया, अब कुछ परोजी और उसके सह-