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वेनिस का बांका
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विख्यात मान्य व्यक्ति था इस बात को सुनकर प्रसन्न न होगा। महाराज कुछ समय से अपनी भ्रातृजा के पाणिपीड़न की वार्ता गुप्त रीति से इस राजकुमार के साथ कर रहे थे और अब वह बहुत शीघ्र वेनिस में आने वाला था। उसके आने का कारण नृपति के इतना छिपाने पर भी सब लोगों को विदित हो गया था। केवल एक रोजाविला जिसने उस राजकुमार का पहले कभी स्वरूप भी न देखा था इस बात से अनभिज्ञ थी, वह यह भी नहीं समझ सकती थी कि उसके आने का समा- चार श्रवण कर प्रत्येक पुरुष को इतनी उत्सुकता क्यों हो गई है॥

अब तक तो लोग रोजा विलाके विरुद्ध कोई बात न कहते थे परन्तु अन्ततः युवतियों के अन्तःकरण में ईर्षा का प्रादुर्भाव हुआ कि वह अपनी सुन्दरता के कारण अविलाइनो के कौशल से क्यों निर्विघ्न निकल आई। अविलाइनो ने रोजाबिला का जो एक बार चुम्बन कर लिया था, उससे उनको अपने आन्त- रिक विकारके निकालने का पूर्ण अवसर हस्त गत हुआ। दो तीन स्त्रियाँ एक ठौर एकत्रित होतीं, तो परस्पर यही चर्चा करतीं, एक कहती "क्यों बहन! अबिलाइनो ने रोजाविला के साथ उपकार तो बड़ा किया, न जाने उसने भी उसके प्रतिकार में उसका सम्मान कहाँ तक किया होगा"। दूसरी बोलती "सच कहती हो बहन, मैं भी अनुमान करती हूँ कि वह पुरुष कुछ मुर्ख न था कि ऐसी दशा में जब कि एक किशोरवयस्का सुन्दर स्त्री जिसके जीवन की उसने रक्षा की, एकाकी समीप विद्यमान हो और वह एकवार चुम्बन करके चला जाय"। तीसरी अपना महत्व दिखलाने के लिये बोलती "अच्छा जी हम को यह उचित नहीं कि किसीके विषय में कुत्सित बातें मुख से बाहर निकालें, परन्तु मैं इतना अवश्य कहूँगी कि