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पृष्ठ:वेनिस का बाँका.djvu/६०

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अष्टम परिच्छेद
 

गा वेनिस के शासकों से अत्यंत रुष्ट हैं। न जाने अन्ड्रिआसने उसके साथ क्या बुराई की है, कि वह उसका वैरी हो गया है, संक्षेप यह कि गान्जेगा अब हमारा सहकारी और सहायक है"।

परोजी (आश्चर्य्य और हर्ष के साथ) फलीरी! तुम्हारी बुद्धि ठिकाने है अथवा नहीं? अजी पादरी गान्ज़ेगा?

फलीरी-हमारा सहकारी है हमारा-तन मनसे। सच पूछो तो पहले पहेल मैंने उसके सामने अपने को बहुत कुछ सत्पुरुष बनाया, उस पर प्रगट किया कि हमलोग इतने बड़े स्वदेश हितैषी हैं, हमारे ऐसे उत्तम विचार हैं, हम यों स्वतन्त्रता चाहते हैं और इसी प्रकारकी और वहुतसी बातें कीं निदान कथनोपकथनसे यह ज्ञात हो गया कि गान्ज़ेगा कपटी है, और इसलिये वह हमारे गँवका है।

कान्टेराईनो―(फलीरी का हाथ अपने हाथ में लेकर) धन्य मेरे सुयोग्य मित्र! देखो तो परमेश्वर क्या करता है, परंतु अब मेरे बोलने की बारी है। जबसे मैं तुमलोगों से बिदा होकर गया हूँ उस समय से अकर्म्मण्य बना बैठा नहीं रहा, सच पूछो तो अब तक मैंने किसीको फंसाया नहीं है, परन्तु मेरे वशमें एक ऐसा जाल आ गया है जिससे दृढ़ विश्वास है कि वेनिसके आधे लोगोंको फाँस रक्खूँगा, शशिवदना उलिम्पिया से तो आप लोग अभिज्ञ होंगे?।

परोजी―हममें कौन ऐसा है जिसके पास वेनिसकी सम्पूर्ण सुन्दर स्त्रियों की तालिका न हो? फिर भला हम लोग शिरो लिखितही को भूल सकते हैं।

फलीरी―"उलिम्पिया और रोजाविला तो वेनिस का प्राण हैं, हमारे यहाँ के युवक जन उन पर न्यौछावर होने को मरते हैं"॥