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वेनिस का बांका
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बश में करना कैसा दुस्साध्य कार्य है क्योंकि जब उनका अनु- संधान कीजिये तब तो मिलते नहीं और जहाँ उनके रहने की आशा नहीं होती वहीं उपस्थित हो जाते हैं। वेनिस में कोई कोना और ग्विर ऐसा नहीं है, जिसे हमारे गुप्तचरों ने न छान मारा हो फिर भी आज तक पुलीस को उनके निवास स्थान का ठिकाना तक न मालुम हुआ॥

फ्लोडोआर्डो―मैं यह सब जानता हूँ और इसी कारण तो मैं प्रसन्न हूँ कि इससे मुझे वेनिस के राज्यकर्त्ता पर यह सिद्ध कर देने का अवसर हस्तगत होगा कि मेरे कार्य साधारण उद्योग कर्ताओं के से नहीं हैं।

अंड्रियास―प्रथम निज प्रण पूरा करो और तब मुझे आकर जतलाओ। अभी हमें यहीं पर बातचीत समाप्त कर देनी चाहिये। कहीं ऐसा न हो कि किसी दुःखद बिचार का ध्यान बँध जाने से इस शुभ दिवस के उत्साह में बिघ्न पड़े। रोजा- विला तुम भी नृत्यकर्म में योग क्यों नहीं देतीं? कौन्ट! मैं इन्हें तुम्हारे संरक्षण में छोड़ता हूँ।

फ्लोडोआर्डो―इससे विशेष मेरे लिये कौनसी महत्व की बात हो सकती है।

जब तक यह समालाप भूमिनाथ और फ्लोडोआर्डो के बीच होता रहा रोजाविला अपने पितृव्य की कुर्सी पर हाथ रखे खड़ी थी। वह अपने जी में लोमेलाइनो के इस कहने पर विचार करती थी कि "फ्लोडोआर्डो का देखना और उसे न पसन्द करना उतना ही दुस्तर है जैसा कि स्वर्ग को देखना और उस में जाने की कामना न करना" उस युवक के स्वरूप को देखकर वह मनही मन कहती थी कि लोमेलाइनो ने यह बात किसी बनावट की रीति से नहीं कही। जब महाराज ने फ्लोडोआर्डो से कहा कि वह उसे नृत्यायतन में अपने साथ