पृष्ठ:वैशाली की नगरवधू.djvu/१५४

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"आप निश्चिन्त रहिए, भन्ते आर्य!"

सोम ने वहां से हटकर अश्वजित् से कुछ परामर्श किया और अश्वजित् तेज़ी से किन्तु निःशब्द एक ओर को चला गया। फिर सोम भी लम्बे-लम्बे डग बढ़ाते हुए एक ओर को तेज़ी से चले।