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पृष्ठ:वैशाली की नगरवधू.djvu/६५

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स्थान में तरुण अकेला ठहरने का क्षण-भर भी साहस न कर सका। वह शीघ्रता से यज्ञशाला में चला आया। इस अद्भुत वैज्ञानिक का विचित्र प्रभाव और उस आनन्द-सुन्दरी बाला का वह अप्रतिम रूप और वह सर्पदंश उसके मस्तक में तूफान उठाने लगा।