पृष्ठ:शशांक.djvu/१६

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परिच्छेद-सूची पहला खंड उदय पहला परिच्छेद " 99 ... . " ... ... ... 12 9) सोन के संगम पर पुरानी कथा पाटलिपुत्र के मार्ग पर नूतन और पुरातन परचूनवाली दुर्गस्वामिनी का कंगन महादेवी का विचार रोहिताश्त्र के गढ़पति भविष्यवाणी तरला का दूतीपन यशोधवल की बात नायक समागम राजद्वार चित्रा का अधिकार राजनीति मंत्रगुप्ति तरला का संवाद ..:. देशानंद का अभिसार साम्राज्य का मंत्रिगृह दूसरा तीसरा चौथा पाँचवाँ छठाँ सातवाँ आठवाँ नवाँ दसवाँ ग्यारहवाँ बारहवाँ तेरहवाँ चौदहवाँ पंद्रहवा सोलहवाँ सत्रहवाँ अठारहवाँ उन्नीसवाँ ... ७-१२ १२-१७ १८-२२ २२-३० ३०-३८ ३८-५० ५०-५९ ६०-६८ '६८-७५ ७६-८२ ८३-८८८ ८६-९७ ६८-१०२ १०३-१०८ १०८-११३ ११३-११६ ११६-१२६ १२७-१३६ १ ... 93 " 52 . ... 22 "