पृष्ठ:शिवसिंह सरोज.djvu/४०८

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कवियों के जीवनचरित्र

२४ कान्ह कचि प्राचीन (१), सं० २०४२ में उ०।।

नायिकाभेद का इनका ग्रंथ है || ३६ सफा ||

२५ कान्ह कवि, कन्हईलाल ( २ ) कायस्थ राजनगर बुंदेलखंडी, सं० १६१४ में उ० ।

बहुत सुन्दर कविता की है। इनका नखशिख देखने योग्य हैं ॥ ३६ सफ़ा ||

२६ कान्ह, कन्हैयाश बैस वैसवारे के विद्यमान ।

शांत रस का इनका काव्य उत्तम है। कवियों का बहुत आदर करते हैं || ३८ सफा ||

२७ कमलनयन फचि बुंदेलखंडी, सं० १७८४ मे ३० ।

इनके शृङ्गार रस के बहुत कवित्त देखे गये हैं। ग्रंथ कोई नहीं मिला कविता सरस है ।। ३७ सफा ॥

२८ कविराजं कवि बंदीजन, सं० २०८१ में उ०।

सामान्य प्रशंसक इधर-उधर घूमनेवाले कवि मालूम होते हैं । सुखदेव मिश्र कंपिलावासी ने भी अपना नाम बहुत जगह कविराज लिखा है, पर यह वह कविराज नहीं हैं || ३७ सफा ||

२६ कविराय कवि, सं० १८७२ में उ०।

नीति सम्बन्धी चोखी कविता की है || ३६ सफा ॥

३० कावराम कधि ( १), सं० १८६८ में उ०।

कोई ग्रन्थ नहीं देखा | स्फुट कवित्त हैं || ३६ सफा ॥

३१ कविराम (२) रामनाथ कायस्थ वि० ।

इनके कवित्त सुंदरीतिलक में हैं, जो वाबू हरिश्चन्द्रजी ने संग्रह बनाया है ।। ४२ सफा ||

३२ कविदत्त कवि, सं० १८३६ में उ० ।

इनके कवित्त दिग्विजयभूषण में कवि दत्त के नाम से जुड़े