पृष्ठ:श्रीभक्तमाल.pdf/९६२

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९४३ A ur-miratnag -mat -durangHarekN- (२०५ १३० भक्तों की नामावली। ५ श्रीदनरहरियानन्दजी ५३१ श्रीशेषजी १३६ ६ श्रीप्रेमनिधिजी ८६४ (२३५ ७ श्रीविष्वक्सेनजी ६५.१० श्रीरामदूतश्रीहनुमानजी ७६ = श्रीलक्ष्मीदेवीजी ७४| (२३) सौहार्दनिष्ठा ५ भक्त। १ श्रीकुन्तीजी १२६ | ३ श्रीयुधिष्ठिरादि पाण्डव १२६ २ राजर्षि श्रीजनकजी ६७ श्रीद्रौपदीजी । श्रीमिथिलेशजी १५६ ५ वृषभानुजी पुण्यपुंज २४४ (२४) ज्ञानी १३ भक्त। १ श्रीअलर्कजी १७६ / ६ श्रीविश्वामित्रजी २२६ ६.२ श्रीऊधवजी १२१ कान्हर समदृष्टि ७२८ ४ नारायण बदरिकाश्रम १०१ | १० श्रीजड़भरतजी (१६६ १५ पूरनजोगी विराटी ६५१ (भरतखंड) । ५३२ ६ श्रीगुरुवर्य वशिष्ठजी २१५/११ श्रीलड्डूभक्तजी ५३२, ६४१ १७ श्रीबहुलाश्वराजामिथिला१३६, महर्षि श्रीवाल्मीकिजी ६ १२ श्रीश्रुतिदेवजी १३६ १२७७ द्वापरयुग १४८ | १३ श्रीज्ञानदेवजी संक्षिप्त यन्त्र (१) ३८१ पूर्ण । मूल टीका । कवित्त उपसहार जिनकी कथा | कितने नाम कवित्त वर्णित भक्तो के | २७ १०५ १५० भक्त ३५२ २५६ | सतयुग, त्रेता, द्वापर ९२७ । कलि १७ शताब्दि ७११ । १७ ५२४ २३५ भक्त जोड़ ५४३ ४१५ कथा | १०३२