| ( १८८ । व्रजभाषा में कविता करते थे । तुलसीदास की भाषा वैसवाड़ी से. मिलती हुई अवधी और ब्रजभाषा है। इनका प्रसिद्ध ग्रंथ रामचरित मानस है। इसके बाद सूरति मिश्र ने ब्रजभापा के गद्य में वैताल-पचीसी नामक ग्रंथ लिखा । यह रचना कदाचित् गद्य की प्रथम रचना है। आधुनिक हिंदी के विकास का काल सन् १८०० से आरंभ होता है। मुसलमानी राजत्वकाल में जिस प्रकार हिंदी भाषा में अरबी और फारसी भाषाओं के शब्दों का समावेश हुआ, उसी प्रकार इस काल में यूरोपीय भाषाओं के ,शब्द-भंडार से हिंदी का कोप भरने लगा । इस समय बहुत से यूरोपीय शब्द हिंदी में व्यवहृत होने लगे और होते जाते हैं; जैसे, नीला, कमरा ( पोर्तुगीज ) मास्टर, डाक्टर, बैरिस्टर ( अंग्रेजी } । इस काल में हिंदी भाषा की सर्वतोमुखी उन्नति हो रही है। भाषा का शब्द-भंडार तथा साहित्य तेजी से उन्नति कर रहा है। उपन्यास और नाटकों की अधिकता हो रही है तथा अनेक प्रकार के सामयिक पत्र प्रकाशित किए जा रहे हैं । भाषा अधिक व्याकरण-संमत लिखी जा रही है, पर संस्कृत शब्दों की भरमार बहुत होती है।