पृष्ठ:संगीत-परिचय भाग १.djvu/३४

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(३७)
राग कल्याण

(तीन ताल मात्रा १६)

स्थाई


समतालीखालीताली


x
धा धिं धिं धा



म॑ ग रे ग
को — व्यो —

ग — ग रे
ई — सु त

नी सं नी ध
ना — आ —



धा धि धिं धा



म॑ — प —
हा — र —

ऩी रे स —
ब न्ध प —

प म॑ ग—
आ — र —



धा तिंन तिंन ता
म॑ प नी ध
स ब कु छ

ग — ग रे
मा — त पि

ऩी ऩी रे रे
अ रु पु नि



ता धिं धिं धा
म॑ प म॑ प
जी — व त

ग म॑ प —
ता — भा —

ग — प —
गृ ह की —

अन्तरा






सं सं सं सं
ओ त ज ब

नी सं नी ध
का — आ —

ग म॑ ग रे
ऊ — ना —

नी सं नी ध
का — आ —






नी रें सं —
नि या रे —

प — — —
रे — — —

ऩी रे स—
रा — ख त

प म॑ ग —
आ — र —



ग ग प —
त न ते —

सं — नी ध
टे — र त

ग — ग रे
आ — ध घ

ऩी ऩी रे—
घ र से —



प ध प ध
प्रा — ण हो

नी सं रें सं
प्रे — त पु

ग म॑ प —
ड़ी — को —

ग — प ध
दे — त नी