पृष्ठ:संगीत-परिचय भाग १.djvu/३७

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
(४०)
पाठ १३
राग बिलावल
  1. इस राग में सात स्वर लगते हैं।
  2. इस राग में सब स्वर शुद्ध लगते हैं।
  3. इस राग का वादी स्वर "ध" है।
  4. इस राग का संवादी स्वर "ग" है।
  5. इस राग के गाने बजाने का समय प्रातःकाल है है।
  6. आरोही = स रे ग म प ध नी सं
अवरोही = सं नी ध प म ग रे स
पकड़ = सं नी ध प, म ग, रे स


राग बिलावल

(ताल सरगम तीन ताल)

स्थाई

समतालीखालीताली


x
धा धिं धिं धा

रे ग म प



धा धि धिं धा

ग म रे स



धा तिंन तिंन ता
प नी सं रे



ता धिं धिं धा
नी संध प

अन्तरा



सं— सं—
रे ग म प



गं रें सं सं
ग म रे स


प — प प
प नी सं रें


नी — नी —
नी सं ध प