पृष्ठ:संगीत-परिचय भाग १.djvu/४०

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राग बिलावल

(ताल तीन मात्रा १६)

शब्द गुरु नानक (श्री गुरू ग्रन्थसाहब)

स्थाई

समतालीखालीताली


x
धा धिं धिं धा



सं — सं नी
पा — र बे

ग म रे स
ने — गु न



धा धि धिं धा



सं रे नी सं
अं — त स्वा

रे ग म प
ते — ऐ —



धा तिंन तिंन ता



ध प ग म
— — मी —

सं — ध प
रे — — —



ता धिं धिं धा
रे ग प ध
ऊ — च अ

रे ग म प
कौ — न जा

अन्तरा





सं — सं —
उ ध रे —

नी सं ध प
पा — प घ





धनी संरें नीसं —
सु न ते —

रे ग म प
ने — ऐ —





ध ध प —
उ ध रे —

ग म रे स
ऐ — रे —


प — नी नी
गा — व त

नी सं गं रें
बि न से —




(