पृष्ठ:संगीत-परिचय भाग २.djvu/२७

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पाठ ११

कोमल स्वर साधन

रे कोमल और अन्य सब शुद्ध स्वर

आरोही-सरे॒नीसं
अवरोही-संनीरे॒
आरोही-ससरे॒रे॒गगममपपधधनीनीसंसं
अवरोही-संसंनीनीधधपपमम गगरे॒रे॒सस
आरोही-सरे॒गरे॒गमगमप मपध पधनीधनीसं
अवरोही-संनीधनीधपधपमपमग मगरे॒गरे॒स
आरोही- ससरे॒रे॒रे॒गगगमममपपपध धधनीनीनीसं
अवरोही-संसंनीनीनीधधधपपपमममग गगरे॒रे॒रे॒स
आरोही- सरे॒गमरे॒गमपगमपधमपधनी पधनीसं
अवरोही-संनीधपनीधपमधपमगपमगरे॒ मगरे॒स
आरोही-सरे॒गमपरे॒गमपधगमपधनीमपधनीसं
अवरोही-संनीधपमनीधपमगधपमगरे॒पमगरे॒स