पृष्ठ:संगीत-परिचय भाग २.djvu/५०

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

Yius ) कब की खड़ी तेरा पन्थ निहारु, अपने भवन खड़ी। 'मीरा' गिरधर हाथ विकानी, लोग कहें विगड़ी। भजन मीरा राग भैरवी x (ताल कहरवा मात्र ४) स्थाई 1 x ध म र ग स पाली री मेरे न - स रे . न प. स मम नो नी सग चितच ढी रे सां डी वरी 14! सस सं नी धप ध प म प प धु उ र चिच म डी सू रत श्रा ली. अन्तरा गगम म ध-नी नी : सं. संगंरें रें सं कघ की ठा : डी पथ नि- नी नी-नी सं सं सं सं नो रे संनी धु ध प अपने भव नख डीई प प . प प प रागिरध र नी धनी नी हा यदि धु ५ प. नी प संनी धु लो धप दिन है। - C, 11 - प्राली