सामग्री पर जाएँ

पृष्ठ:संगीत-परिचय भाग २.djvu/५३

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

(६० ) पाठ १६ राग देस १ इस राग में सात स्वर लगते हैं। २ इस राग में नी दोनों बाकी सब स्वर शुद्ध लगते हैं। ३ इस राग का वादी स्वर 'रे' है। ४ इस राग का संवादी स्वर 'प' है। ५ इस राग के गाने-बजाने का समयं रात्री का है। आरोही =स रे म प नी सं अवरीही = सं नी ध प म ग रे ग स राग देस ताल सरगम ताल तीन स्थाई X ३ प–नी नी प पम प सर-म सं-सं नी नी संसं रें सं नो ध नी ध ५ म गर- अन्तरा म-म प सं-सं रेंरें सं सं नी-नी सं मं-सं सं न ध प- सरे म प सं नीधप -पनी नी -सं गं रें नीनी सं-. म गरे-