पृष्ठ:संगीत विशारद.djvu/१८७

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  • सङ्गीत विशारद *

प्यतस्त्र |४०० ४+२+२ 5 तिन ३+२+२ ७ त्रिपुट ताल मिश्र ७+२+२ ११ सड ५+२+२ सकीर्ण +२+२ १३ चतस्त्र ।४।४.० ४+४+२+२ १२ तिन 1३1३०० ३+३+२+. अठताल मिश्र ७+७++२ सड 1५1५०० ५+५+२+२ सकी ।।६०० ६+६+२+ २२ [ चतस्त्र ४ तिर |३ ३ ३ एकताल मिश्र 9 9 ७ सड ५ सकीर्ण 18 ६ ६ यह तो हुये जाति भेद के अनुसार ७ तालों के ३५ प्रकार । अब पचगति भेद के अनुसार इनमें से प्रत्येक प्रकार के पाच-पाच भेद और होते हैं, इससे ३५४५= १७५ तालों के प्रकार इस पद्धति से उत्पन्न होते हैं। आगामी पृष्ठ मे उदाहरण के लिये केवल "अठताल" के २५ प्रकार पचगति भेदानुसार कैसे हो सकते हैं, यह दिखाया जाता है । विचार इस प्रकार प्रगट किये है -