पृष्ठ:संस्कृत-हिन्दी कोश.pdf/२१४

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

í 134 ) Farयो कामांसपीमित कथामा समा-Naj (प्रवियर रुमा, (पी चार बानिय बाते। अनिमान पायामाम! की गति पर्ण गामा - पोग, जिला गा, मकवापि नाथ नापति किमाना बरि सिद-पुरनं गामा, बासर। पल (fro) {..] समस, सपन। मन (भू-Fi [-11क्षा, म (..परिपूर्ण अनुपरिजापा उरला सुः (मा. नया नाम गोलार को मानसिक र जाजा गा सकेगा। मयू (40) [त.] मबाएं पर सम्मेए । मानिस धन-मन 1 मरे, स्या- पुवामों की र--प्रौना एक वरन, बल, परि पर समूह बोल रामय मा ।। मानुसोज - ८ । (... [+-+]1 पणा कम बना 1 फट हमा सम्मा मा, चिnिtinा गबग, संपन्न होना, मानिकार कर होग, मा पूर्ण निकाला- 1 पार विसाला का-यातनाम मपटक पोषमा- मा. मलपन। सुचनिनकान्त-सु.५८ TARJE. मालाब पर+पि-बम, परग] फोगरा मात्र साल "TR". 1. वरामा, मान मिलानाधरण 1, गभार[-11 भापूर्णन पतला, जपानमा रामासानुहोगकारले माग | सम्वार माटिका लगना 2 ना.। मि. मानविकारः रस्मइमोश - कर्म गया दम-पद पर हकना- कार-प्स। नामा, इम लामा ।। मी०) ग+स-प-1 पर : (भJIT+व..41 उठाना विधान पाका उगम गामा, पूर्व ! Inा मुभा अगि, faar बा विग+म+मर] 'बेक, पूर्णपणे मेमाल कर र का, परिश्मा, जुम्ला पोनित अटा पोहता- प्र. हमा, गमा हुन्ग (पम्प माप 1.4 प्रामादा, बहानुभाग,+ 1 बार करने के लिए अब मेपार उत्सा, उस्मक मृग हमा. मामा. आत मा। मि.मि. राधा तुमन्त माब पा बाग पान+मरति, रचना, मान नमान 41-74 -NERH ( मन गुराकामा । मानमुण्टा भगा अप", 'पिः । 164) मानमान मे सपन यम् । म |1 रा. रवान' व मई को माई काया है- कापूमा--मि प, टा. परिषम, रे .निरम मा लपले मपिरामरोजून-1.02 प्रोत, पम्मत Br-माक मेरा पणन विष्ण। ५ -पान हि विनी मागिन पावः +1-1, कणण 2. मकर बवारी, AMRAT I हम तर्ष। - वि०ी परिपाकर 10-t पल-भू- गिरस्सिम, सस्पना or's पति, प्रसाधन, दान, उपभा प्रया+ENT! जगात, जान। अबोजना। महर्षिण मि.):+वम्-पिवमी, मनमा ग्रामीण उपकपू-पिक-वर | प। रंजीत वा वन)। म उपनग+रा करता. हनना रखतः म+नाम+प] चनक, प्रश। याविन मर मिस-एसपमा का पोका पोदवा बायोकामिक्तहरपि- गिकामा-मेच...मि. देवीप्यमान, गीला, उभिनुषा नि प्राय. प्रीता संर-मा-बाय-या: गिरगोग वा-०५५८ पुष २८, मपन। पर (वि.M-नि:-मिए जाने बाहर 'सन-पा--पर+बनाया। वन बाका-- पति-भूगोल- साम+गिय -पुर. पुनम दिन नयोतिष-परराला, मोगर । का पारण, राणा मामीणा कामा।