पृष्ठ:संस्कृत-हिन्दी कोश.pdf/४५३

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

Hr.) [E-- | 1 पनापा ! कोमोबी, मा मनि भनिन् भावे--संधी+मन] वभिामा प्रति जान, शानि। पौराहा। सबोगम लि. दम् --पट] पदावोवार, कोलक पवन, मापा । स्मारकामान-अना। तरकोष++4] भाकली ! गोमः [पिम् | पनो raम होगा आना। लोकानां करता, खम्माम कहा नम् [हिम+4t 1 TT परना, लर करना फामा भर पापाना. काळ पचगा । नो, मि माता को वन को तुन् । एन] रकम हामी को हारने का रविकर माता मेमान-|-पद 1 अंक, पगररन बगान-पान तोच. पिषम | पहा ना सलाम । THARAMपद सोनम [ष-+9|| गहा वेदना : डा। पंहग. कैवत 16ins सीनियम-'-कर1 रन. मह। TET मान पान -माम मनुष : सोमर रम गुम्मन सिनत गुम्मा मर, निमोहे अपर प. ११४१ पाया 2 मारा। मा--एमांजवंत । बोनः संन्यमान मे सीम्म गृप यात- मन: मनु भो। म भाकानी पुतला। नामी . Fat ! म२०-भगिरासिनो सामा भण-: In-i: TA+1in y. नाबार, बाण मरीजर 41 वाय मांग नाना पकानपुर- सिर : ना। "बाप षामादरमपमा गंवष लिए /Tlit? देवता । - पूर्वापान,- पालकांचन, मंसिर ||-मल देशा, तीर मात्रा वानपु) 1 Aमर्जन 2 धान पिन्टो से अवमर्पण, बा. हरम InfAPNI HIP-मीपत- प प्रकार के ना कुछ निति राम नाम:या के पानी क जाम पीकरीना पद: -भीम नबतार राव का FIR पर। -ोपः - नरिवत. पर एक वफा, चबिर नामक एक पगार । -- बिया गर, यादन • ए. रा९५. किवि गांग उन । गज गान: 1 एक विक्रमAM, 'मायाः पदहन पर गवत सारसम। नगन फोगदान ...षिः,-लिपि. मुद्र-नामी पुरा-लखा गंगा:- नं गार.- कम पत्र वा जनन कान निमंत्री जन समुद्रमन-मन गरी + hit पुसे गाना।' चार-पात्रम् 1 - 2 पोवारा:-राव-गणि कम कम्पनलाष या ग् 1 न मन ममा,--बेला विनारा. ममास्तर, पतिकरः मासुरातन 45 4-Mr. नंन्यो ) मम - ८१५. स्तिका हीमो, !, 2144 H werk -मक्किा-- पंचा। य-कांश गरेर समापिप कन्ना मोरनार पुष अMILF मा नाराय] 1 पर:- ... पमिका. पाचन प : परमाण.Enार, रमेश JANरित्र अदल. गोपिकानो ' वर्णानग'गाव नगर.... जाटान का मलाइंग का एस. आमिमी गाना चिनुनमा होगन-मेप. ५ चन्को पकी वी. ग्राम का 3. अम्बाप रूप से बनाया हुआ शोभार : -कटिक Pvt. urv, ११ जनागार में दिर संवत्र का नाम, ननन प्रदेश गएः का चन्तरा, पानसेन, का। देश तग। im - सम[ दा+पम 11ोक या मार पीता मंमिन, सनिक | +-गलो. मला में तोम तिगपा होसने बादी का एष तोमा पा १ मा मा। मंमिनो तिन् | 2018 का ली। सोमः [सुष+मम ] मातील पारितोग, अमानकालगी। Hatat |यसमा नवन मंतर कर भोला । होवनम् [y+11 पलोन, परलोक समय

  • तिव्यंग- भोग चला पार्षमानी- n+in+ परितृप्ति।

नेता