पृष्ठ:संस्कृत-हिन्दी कोश.pdf/५०५

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3 रामार सूर्य का सामनावता जनाम। नाप | गहा का गम, न 1 मालारा बना, न साना, न मन पक्ष :

  • -.रनिराशर-पीता

{ भ माना पकायला नो. 21. नहाना गर्ने का बस्त। नम, बी () | बलि+ोप पुष्को साता नाम -गीत ५ मिनि का बहार नादी e-पर 1 पाकर का नागविग, कोलक. पार,-4. पुष. मी 1 मील के शिषपण? पात' गभस केविगंगा, -गा, -पुत्री-मा गनफनो पूत्रोमोसा फको यात्र होने सपा फा पिण परः1 गणुि का विरोध गराउ +: 5 गया हगो पर है. पृली की गम" में)-मन 21 पार वा पाउन चिल। पराबर सप्ली. पर। धाराम-! रिमारी नन-ए-१२२ विग 34 पर बोगि । ममः-मषिय: गजा --मा-ग-सुर बाप-बम, पुष: मन् । मल पर विपिर 1 रनक गायकवापन, आमना सा गा विमेवच, -बार गंगा हरभाग:-पर । पहार निष्ण 4T , विस्वाशेप का तिरंग, -4 1 mim afteोग संका,

-मा (प.) पास।

मी प|10|1 पृषी, मा. १२.३५ मि. मिट्टी । भरिमा पुन मनिच | नत्र राज के गम। पार [ अर पुत्री. मधु । चतरे का पोषा । पा-11 नो .1 पामद- नगर। अर्थ [.नाकाना ही कोतवा+मन । । नत्र, जानि मापदाय माने पकिन भार का पाल बनन, परतन. तर, प्रमा, क्या- देन अविष किमि ब. नका, नेकी, यापन विचार पुरुषार्थों में में रक) ५. निर्ग भी. एक एब गहना निबर्न नवनि...हि १५ नव्य परित मानस कम -पकापासपो एल १. ५/४, मन र विकार, न्याय ६२ मानित पा सापमाप निभवन, पचना, गापित माना तिकता, नीनिवास । प्रकृति, समाज परिया-प्रालि, कोष 14, Rimini Rhe विना मन्तिवना सम्पनीमा .मा 440, परमता मानता 22 भाषमा पुगो पति 13 पति, पाकि भासमानर राप्रपामा ७ प- नि in aire Tre rurat मयू का देवा पम । सम.----या साग्म: मी (...) सर और अमला, कम और संब, ५.) सोमामा यो कर्म गाहीका गत माग समानता है. --अधिकरण विनि का प्रयासन नावारूप, पिकमि (०) न्याध्यापोश नायक -मधिकर Ima करपी का अभीक्षण या १ न्याय-पागल $ पाम्पाचौकी पर. बांधकाम वायाम, मा । 'माँगाणेष : विनोपप -अनुसनम् पर्व के मनुमार बानाग पञ्चा बाप- प्रम, कविता बापाचन, मान (fa) विरुध मो. इराबारी, मनानिकर समामिन (कम् । हुम्मन, नैतिकाा, अन्याय, अारम्प, पाया, मन जिम मन्यासी - धरण प्रषिर्यात मब-य.mahait गर आता पर्मणाम्प बिपिम, मारा 1 मिमक शाप कालक अपापर, - फिर वोषण, परन् | भापमा पारमा, मयुगी, -umar सम्म मसिहागम, याम को गरी, बापाविकम्प - म समाविमच प मनममितुम्... धर्मा- नाममाति नामक नरेन -atti. : कृषिकिर गलिच. प का विरोभन सत्तर (वि.) अतिवार्षिक को म्पपरा अमान पाती दो नियम और नामपरायप - तोता मगममस्याले--११-पमान ।र्ममा पर्वमनी मिला, लॉनक पाक विक्षप काल- पि.) नि कांच कर्म, नीति में प्रापरत्र, प्रमंगाल, पार्मिक रय पा सार : मद्रापा,-समाति नानिगा, का नजका निषेवा - गोल नुदान, राम- कीय सेन पा सामन, - मुखमा निषध बोल - - सहिता win-कालत गुप्तवं- मनुः शो 1 मारवर्ष (धर्म मि मी का का मैदान, कुवेत ! पता ही कौरव पामों का मापन तुमा पा)- भाग -