पृष्ठ:संस्कृत-हिन्दी कोश.pdf/५१६

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  1. पा काता, मन वमाना, सोचमा एकप

करना बगवना हशा. धारामा ( 471- काय जानभार मा कमेगा | R-RENT | 1हादा, विधान हुना, रहमा स्पा मा) पाटन मना.1 अष,--1 पर करना, पहले हमारीनिक राना-मापुत्र भिम एषा निवांत करना, नचिः . खि भये • तर .. भगतं भावयेको रितुमानाकृत 1 1 जानना, निएं कान". सपकाना मही पही बन-किन १५.४९ प्याज या सूर-। गाना, + विभागते .. ५४. मि सदा, ना. पर रहना -- मूलभमानना ५५.५--1गर ठाना, पन्ना करना पुणे भिक मागममति- ५१ जगना, पग्विाप परना । नाहर निकामगा FONIJ परम मा पूरा इन साना 4 जगन मन', बाग. उप उभ० बरनि-, पावतो. नि) 17, पूर्वर पर बड़ी साजो का पूरा नारकलानिन सा गमातला, ने गाना-उगमपि गिम पुजांदावत-की परवटिम निर्धारित मन बना अबालिग कि. मोर मार-- मनु० ४।२६ : १५ 2. २. कि.-, पर पमरना, को ऊंना. मि. पामना. संभाला. विपन एडगा काना, बाग ३ ना- अभूगा गालोम मा. ना. नापित कला र गला विमा, 41,924, रा; 1.ममा गषि समागमे मा पार समर पर जगता में काना- वारि मला: ५. प. पाट हुनपसमषिभित मन करना, सहारा न', पान, पच. 1.८२. पीवित पारखना - मिरजन्मन भूताम् से० मा काक्षी नाना, तिर नः, - पु.॥५३. अपने अधिकार में माना मम् "1 बामनामनाना राम नाम सेना, अपिकार में कानपम खना, कना-या मसमा महार रेना-रायल नाभि-पत्र ! पाप-vt.५4 धारण करना, प, 3 मानः, कि में रखना. रांगना 4 पन में बापरे सेना- काकररूप नि.. रख । मापन, समप-1 जा ने जमा केन।, पाात वावमम्-१.5 एमाशा उन्मून मला के पूर्वक इ2 काना, परि- पला, निमालकाविषj पाता. दिन जाप करना,,--1 बानग, निरिण परला, समाजमाया पुत कृपा ए.बीत ग निचप करना भि. बिार विमरता, मन परमा, निमय कला, सभा, परित चिन्तन मला, पोषण, शिधार पाना-मान. १९७१, करना , कमाना, प्रमेय करमा प्र. पाया एव प्रधाच... के साथ बाहय पुतमानस.. मनोरणे राषमभान का (1)[+] 1 पागा गवा, के बापि मम भागमा अतिरे लिए। वाया गपा, मल किन गपा. राहारा रिया गया it foreसरका निला, पापा । १ अपित किया गया । समय, सरित: पारण पसी का बी होना ( मय। कि गर - पलला गमा, आपसात् निमा गया,