पृष्ठ:संस्कृत-हिन्दी कोश.pdf/६०३

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दि। (१८ प्रतिष्ठामप - माचो एवं परितमणिनी नाभिमान परियार परिपत्र | सामना र पर तामोनिपार 11 यामा ३ भूमा-फिरा पर कहना, मारनामा, परिमारि--1) परिमानि 1.! नकोक्ति अलम मान्हर, जुष्य, बगर गापुरम गम्हार काले 'सनम [ परि+म्यूट ] ना.मा चमा राप्तः पभायात, तिर मात । समूहमा पर्यटन और मना पाकर काटना, परिपा परिन भू-प३. परित्र । परिभामिनी [रपिनि । परिधष्ट ! पू...) 1 परि+मा+m] 1 मिया 1.मानमर्दन करनामा कर वाना, हिमा हमा म्मति पवार निकला हुमा फेका राजा, यन बार, ये बाया- Y रिबन । ममानित + बम्मित, ग़म (ममा म अगाके करने नासा, भरे सजाने पाला. संप होने लगा ! माप जमेछना र माला । म भने मामा. उपेक्षा करने वाला चमन : परिव (नि.) (प्रा.म.] पामर, गोम, लाभिन पर सु. १९५१, 'मोपापभार की बनकामान, पिक, गो गया। संक्षारापान परिवार (PRE] [पा मापात भव, जि. १८ । परिचालन [ परि+लाएं +प्पू ] | पललामपरसा परिषर (नि. पा.-18 म.सा. मिस्तु वाननीता, गपसम नमः, गये हापमा ? का परिमा मुयममा दिवस -मि मिहारिणि किमारला, बिहकी, भपपद सात मह बहुत नका,- ३१. f.c45, ata : 1 महून बोहा -नि.naut परिमारा: मान्न :+* ] ] माघाण, पर- करिमरः । गरि+म-मनारा मनस्वास चन ना मिली मागावी नारंभात नयर घोर परिसर-माहाकी 4) पful, पणाली, (विमा पत्र में | वर्णिमः, परिमानम् । पी-+चम एफुटक] प्राम! फनाया दाव:-ति गमिन्य पकर 1 पटना, पीतमा ना. पेरोबी रोना थिवा माग सरकारका पग्लिावा चिनापा चौर पहुंचाना, मी पपाला HTRA का माननम् पिम, गवा जातिान, परिपत्र । नाभा ना माबो मनिपनिगालो : d परि+मष बन्न ] 1ो, मर्मत्र 2 बोर । Hair पिता पांगताभरापि यं पिर परिममः (परि-मई-अप । गए, मान, लो. FEAE Pir, AM वदभ्यो कदाका पटक-परिमको गतिमाह मामिः १६. मिमीन-aidf १.०१.प. १५ गत मागेका सेना में नन समेत ण मयंपनी पुत्री मिना उपाय 4REमरिमायाम- भ में) पापिग का मूत्र में का हवा बामणमीम कि.११. निवताथा . स्तम पासना का नमूना प्रयोर की राति पभ। पालारा। परिचालवि) (परि-+n] 1. सुरवा परि परि +111 बिस, मौलये प्रष। भाप मा, पराग में लाया हुमा 'पक्त परिमाणम् [परि ना+ स्पट, पले कासनस्पी ] वित 1मानर, (गणित या ताकत) मास - म परिभूम (वि.) [ गरिएम + स ] गित, पायल, घरायपरिमाण चिमूटा titF• २८, जमा। पन-त, सम्या, मूल्य का राम पतिभूति. नी. [परि +भ-क्लिन : शिकार, ११११ भमान, अनार, बनपानमा- मुशYithi परिमाया, परिमाणमा परि | पागे । पा. म्पया ! मन्षिक! पर । भूकमी मणि का ममता 1., सोय करना. काका पालाना. समित्व प्रबोषिपी। परिक पेनो ए मोग निमना 2, सम्पन पदिमामः (a++ 1 चम्भोग मु. .in माफ करमा, पोना । म कर पंचन, र परिमार्जनम् [ परिसर] 1. भावना. २८.३ रे के सामान की मांग प्रमोन । ला. भार-बोध करना मीर में परिग [ परि-पमनिकला। जो मिलाई। परिकि समू... [पर+मा+7 ] 1 सम्पम,