पृष्ठ:संस्कृत-हिन्दी कोश.pdf/६२५

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

BEA (११) पात्र [ Jश+मप] जयर, मोम और मनकामना मूह | .काम से नीचे का परीर मनमूना का मन का गिोवा साम, खान नतो पनिया मम्मे मधि- -म५.पूर मनपगा। पम्- .पा. काग (te Rur -पान कार का विषय | प्रारमिली पदाची तपासाम पिदापतिन पालम [ प्रयास अहला, बारी बार मात्र रिसायनिय हानतम - पचास हम बत्र, प्रप्रेमापन परता। ३ वाप-माप्त, -4 विषय. ना क्स- पायनगर सिता. पिसार, फेसार, मांगा। सिनो समूह कलाओ में भरो दुर्ग नरकार पर्ग मी--बी) [ पणि+य] 1 मिठो भसामानवास पर विवाविपण TAIT पिसी ला में रूप में प्रकार का संबंध न मामा-मोरन गोषवादही ARE गास में को-पाती Hरी न कर पानी, कार पत्रमा ' गवीप - 1. 'हप्पो एर नं माता राजा, 'Rah'भरत' हो किनिस्मचमी म पार्न मन-I मिदही को कान । समा मनात -१७) । --- गपा, प, कन्या-अमिमी. मात हमाव पु.२५ स्थि -स्ता एप की पुत्री रजाकारी। नगु पसताराम वर्ग का महा मिर गांधी पापियो । 1 गौना का विलेपन, परमी या पमा सम्म [.) HARM, संगो पापोदरपत्रह - 800036 नारफ्रियः केका हाम- प्रामपंटण mल (वि. पाता. पाम हो , पापर IT-J1 मडली भा बायक! अपटोग स्परिन । मेमा काने गमारान-माला पातिकojanwit) न] अन्तिम ....९:०२, १४.२३. करममा गैरक-मः मात्र निर्मापरः। [परीको काम पू. -- परिन। किमर पर पाय किमोन । अप! 1. पर्व परका सना : पादप होने मात्रा पाचो. पु.१' निभात, पर्व (प्राब के किन अमर माता के शिष्य करवा रस्ता ( रा ].-गम गर्व में मपमा मामले साया पीन, पान-पालन कि पापा के लिए मनो पितरों के निमिष 1 गाम होने वाला, यिा. सेवा में पम मा अाहनिलेमामा अनार - मान ही नमामा--(40) राम हौ मीने पात (वि.) 06-11] [पर्षत+]1 पहार पर पाग बगप्त में मोने बाला,- भूमी में हो पा रहने का हाने गाणे गहार मौठा पर्वएक आभूगर- पण छान वाना पाया {माती, पो. नि. पीएम पार्बनिकम [ +नार का मलबा पर्व (12 जूगरी ---- पारिपरिभरा पाती | hit+} दुर्गा कानाक, हिवाळप कार्यका (स्त्री-की) [कर्ण कन्] 1. प्रकर्षक पुत्री के में नाल (बाने हो जन्म में बह से पोरर THEY) ता गवतीमाधिवतन गया | पमक (जम्प) मिर्च-तम ] निकट, गमीक, पषिया मनो हाप-5 मात्तिन सपीच, पाय : अली का दिया महाची मी 5 एक प्रकार | वाचक (वि.] नीकी) [चा +4] पान को मुष्पकत मिट्टी बम: 1 कार्तिकंप तो मनप रमन माला-71 माला मामली, गापिपलंग का निधन। वामदार साधी, मचा बापूमर । पाश्म (.! (परम-की) [ पर-5 पार पात्र (वि.) (सी) [+] चितकबरे पहले पाण-41 पहाडी एक विष पर हांगण में वासने पाला-अनु३.. REE नाम (ब) ला जम सामोर 1115-बाग और पुन एकापून पानावटमर - ४ias का पिता मा । पाप नि) [ी) [पाळी+11 बहाव समानात रोपनी का विषेषण दुर्गा TREN.अान, उधार में पावि। पाच ( प-तार से मुमति पोला । गरी लिपीग। ५०