पृष्ठ:सचित्र महाभारत.djvu/१०

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पृष्ठ-संख्या साथ उनको मित्रता की स्थापना-द्रोण की गुरु-दक्षिणा-द्रोण के द्वारा द्रुपद के श्राधे राज्य का हरण-द्रोण को मारने के लिए धृष्टद्युम्न की उत्पत्ति ।। ४-धृतराष्ट्र के पुत्रों का पाण्डवों पर अत्याचार ... ३६ पाण्डवों के विषय में धृतराष्ट्र के पुत्रों की मलाह दुर्योधन की ईर्ष्या और पागडवों को हस्तिनापुर से हटा की चंद्रा-धृतराष्ट्र और दुर्योधन का मंवाद वग्णावत् को पाण्डवों का भेजा जाना-लाक्षागृह को जला देने के लिए पुरोचन को दुर्योधन की आज्ञा-पाण्डवों को विदुर का उपदेश-वारणावत् में पाण्डवों का पहुँचना - लाक्षागृह में वाम–लाक्षागृह में सुरङ्ग खोदनालाक्षागृह का दाह--पाण्डवों का निकल जाना—हस्तिनापुर में पागडवों का मृत्यु-संवाद-पाण्डवों का भागना और दाह में अनेक प्रकार के कष्ट उठाना-हिडिम्ब और हिडिम्बा-भीम के हाथ से हिडिम्ब का मारा जाना—हिडिम्बा के माथ भीम का विवाह और घटोत्कच का जन्म-एकचक्रा नगरी में पाण्डवों का वाम वक गनम की कथा और उसके कारण ब्राह्मण के परिवार पर आई हुइ विपद-वक को माग्न के लिए भीम की कुन्ती की आजा-युधिष्ठिर का दुखी होना और पीछे से भीम को भजन की मम्मति देना- भीम के द्वारा वक का वध-पागडवों का एकचक्रा नगरी छोड़ना-गन्धर्वराज के साथ अर्जुन की मित्रता पाञ्चाल देश की तरफ़ पाण्डवों का प्रस्थान | ५-पाण्डवों का विवाह और राज्य की प्राप्ति .... पाञ्चाल देश में पाण्डवों का पहुँचना-द्रौपदी का स्वयंवर-निशाना मारने में राजों का विफल-मनोरथ होना-अर्जुन के द्वारा निशान का उड़ाया जाना—द्रौपदी को आपस में बाँट लेने के लिए पाँची भाइयों से कुन्ती की उक्ति-द्रौपदी के विवाह-विषय में विचार-द्रपद को पाण्डवों का यथार्थ परिचय मिलना-पाञ्चालनरंश का पाण्डवां को आश्रय देना-द्रौपदी के पाँच पतियों के विषय में द्रपद की आपनि-उसके सम्बन्ध की आलोचना-व्यास के कहने पर द्रपद का सम्मत होना-द्रौपदी का विवाह-हस्तिनापुर में विवाह का समाचार-पाण्डवों के विषय में कौरवों की सलाह-कर्ण और दुयोधन का अभिप्राय - भीष्म और द्रोण का सदुपदंश --पाण्डवों को आधा गज्य देने के विषय में धृतराष्ट्र की सम्मति–पाण्डवों का हस्तिनापुर आना-- इन्द्रप्रस्थ नगरद्रौपदी के सम्बन्ध में पागड़वों का नियम-निश्चय-नियम भङ्ग करने के कारण अर्जुन का ब्रह्मचर्य - उलूपी के साथ अर्जुन का विवाह - चित्राङ्गन्दा के साथ अर्जुन का विवाह-बभ्रुवाहन का जन्मद्वारका में अर्जुन का जाना-सुभद्रा-हरण-अर्जुन के ब्रह्मचर्य की समाप्ति-खाण्डवप्रस्थ में सुभद्रा और अर्जुन-खाण्डवप्रस्थ में कृष्ण का आगमन-अग्नि से कृपा और अर्जुन की अस्त्र-प्राप्तिखाण्डव-दाह-मय-दानव को प्राण-दान-सभा बनाने के लिए मय-दानव को युधिष्ठिर की आज्ञा। . ६-पाएडवों का सबसे बड़ा राजा होना युधिष्ठिर की सभा का बनना-सभा में नारद का आना --राजसूय यज्ञ के सम्बन्ध में बातचीत-कृष्ण का जरासन्ध-वृत्तान्त कहना--जरासन्ध को मारने के विषय में विचार--कृष्ण और भीमार्जुन का मगध देश को जाना-जरासन्ध को मारने का उद्योग----कृष्ण और जरासन्ध का ७२