पृष्ठ:समाजवाद और राष्ट्रीय क्रान्ति.pdf/१०६

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

गुजरात कांग्रेस समाजवादी सम्मेलन में सभापतिपद से दिया गया अभिभाषण (१९३५) माथियां, अपने प्रान्तीय सम्मेलन का सभापति चुनकर आपने जा मेरा मम्मान किया है उसका में अत्यन्त आभारी हूँ। यह मै केवल शिष्टाचार-वश नहीं कहता क्योंकि मैं अपनी कमियों को ग्लव समझता हूँ। मै जानता हूँ कि आपकी स्थानीय समस्यायों का मुझे पर्याम ज्ञान नहीं है अतः बहुत मे स्थानीय प्रश्नों पर विचार के समय में विशेष उपयोगी सिद्ध न हो सकूँगा। सच तो यह है कि इस सम्मान को वीकृत करने से पहिले बहुत समय तक मैं द्विविधा में पड़ा रहा। अन्त में अापकं भारी स्नेह ने मुझे प्रेरणा दी और मैं यथाशक्ति आपकी सेवा करने के लिए यहाँ उपस्थित हूँ। मुझे आशा है कि आपके सहयोग से मैं सम्मेलन का कार्य इस प्रकार संचालित कर सकेंगा जिससे मुख्य और महत्वपूर्ण प्रश्नों पर पार्टी की सम्मति पत्र प्रकट हो सके और आपके प्रान्त की परिस्थितियों के उपयुक्त स्थानीय कार्यक्रम बनाया जा सके। मुझे यह भी आशा है कि हम अपनी समस्त कार्यवाही कर्मटों की भाँति ७६