पृष्ठ:समाजवाद और राष्ट्रीय क्रान्ति.pdf/२२३

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( १६६ ) क्रांति-भावना जगाने के लिए इस युद्ध का सामाज्यवादी स्वरूप उन्हें खोल कर बता दें। साम्यवादियों में समाजवाद के साथ विश्वास- घात किया है और इस युद्ध में बिना शर्त सहायता देने के अपने पक्ष को ठीक सिद्ध करने के लिए मासंवाद और उसकी तर्कपद्धति के साथ खींचातानी की है । यह हमारा इन्कलाबी कर्तव्य है कि हम उन सामाजिक उप-राष्ट्रवादियों की पोल खोलें जो सोवियत रूस के प्रति श्रमिकों की सहानुभूति का अनुचित लाभ उठा कर इस सामाज्यवादी युद्ध में उन मित्रराष्ट्रीय बुर्जुमा सरकारों के लिए उनकी सहायता प्राप्त कर रहे है जो अपने पूँजीवादी वर्ग:हितों को सुरक्षित रखने के लिए लड़ रही हैं। संसार एक संकट काल में से गुजर रहा है। उससे प्रत्येक राजनैतिक पार्टी का सच्चा स्वरूप प्रकट होता जा रहा है। हमें चाहिये कि हम अपने सिद्धांतों का फिर से मनन करें और संकट- क्षण में उनके ऊपर हढ़ता से डटे रहे।