पूँजी और उसका उपयोग आदमी न मिल सकें, किन्तु हमारे बैंकर, पंजो के दलाल या कानूनी सलाहकार हमारे लिए बहुत सारे कम या अधिक भरोसे वाले आदमी तलाश कर लेंगे। इनमें से कुछ बहुत धनी हो सकते हैं जिनको पेट भरा होने पर भी सदा नारी परिमाण में अतिरिक्त भोजन की जरूरत रहती है। इस अतिरिक्त भोजन की ज़रूरत उन्हें किस लिये होती है ! हन भूखे श्रादमियों से यह श्राशा नहीं कर सकते कि वे हमें अगले साल भोजन दे सकेंगे; किन्तु वे तत्काल कुछ-न-कुछ ऐसा काम अवश्य कर सकते हैं जिससे आगे चलकर रुपया पैदा हो सके। उन्हें इन आदमियों से काम कराने के लिए ही अतिरिक्त भोजन की ज़रूरत होती है। ___कोई भी अतिरिक्त रुपये वाला श्रादमी, जिसमें प्रयास सूझ और च्यावसायिक योन्यता हो, भुखे भादमियों से काम ले सकता है । यदि किसी धादमी के पास एक यहुन बढ़ा वाग़ है जिसमें उसकी विशाल कोठी बनी हुई है, वह याग एक खास क्रत्वे से दूसरे तक जाने वाली राह को रोके हुए है तथा उसका चकर काट कर जाने वाली सार्वजनिक सड़क पहाड़ी टेढ़ी-मेढ़ी और मोटरों के लिए खतरनाक हैं, तो उस अवस्था में वह शादी भूम्ने श्रादमियों को अपना अतिरिक्त भोजन देकर उनसे बाग़ के भीतर से मोटरें निकलने के लिए सड़क बनवा सकता है। जब सड़क तैयार हो चुके तो वह भूलें श्रादमियों को छुट्टी दे सकता है और मोटरों के लिए उसे इस शर्त पर खोल दे सकता है कि जो मोटर वाला उसका उपयोग करे वही उसे पाठ थाना दे। सष्ट है कि वे सब ममय घचाना चाहेंगे और भय तथा कठिनाई से बचेंगे, अतः नुशी में शाठ- पाठ भाना देकर सड़क का उपयोग करेंगे । वह भूखों में से किसी एक को यह कर वसूल करने के काम पर नियुक्त कर सकता है। इस प्रचार वह अपने अतिरिक्त रुपये को नियमित थाय में परिवर्तित कर लेगा। शहरी भाषा में उसने अपनी पूंजी से सड़क बनाने का व्यवसाय किया। अब यदि सड़क पर आमदरफ्त इतनी अधिक हो कि उससे मिलने वाला रुपयो और अतिरिक्त भोजन उसके पास बड़ी तेज़ी से इकठे हो जाँय और वह उनको नर्च न कर सके (या खा न सके) तो उसे
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