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३१. तार : एच० एस० एल० पोलकको

[अप्रैल १५, १९११][१]

सामान्य विधेयक सम्भवतः पास हो जायेगा। शायद बुधवारको निश्चित मालूम हो जायेगा।

रिचके नाम पोलकके पत्र (एस० एन० ५४६४) की फोटो-नकलसे उद्धृत ।

३२. पत्र : एल० डब्ल्यू रिचको

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अप्रैल १५,१९११

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प्रिय रिच,

तुम्हारे पत्र मिले। आशा है, तुम मान-हानि और झूठी निन्दाके कुछ दक्षिण आफ्रिकी मुकदमे पढ़ जाओगे और तिथिपर पैरवीके खयालसे वैन जीलकी रचनाएँ देख लोगे।

हमारा प्रश्न बहुत-से उतार-चढ़ावोंमें होकर गुजर रहा है। मुझे आज लेनने कहा कि सरकारको अधिवेशनकी समाप्तिसे पहले दो बातें अवश्य निश्चित करनी है : नाबालिगोंके[२] उन्होंने आगे कहा कि लॉर्ड ग्लैडस्टन[३] और फ्री स्टेटके सदस्योंसे जे० सी० एस०[४] सलाह कर रहे हैं। स्पष्ट है कि वे अपने प्रस्तावको पास कराना चाहते है। वे फ्री स्टेटके सदस्योंसे बहुत अधिक दूरदर्शी है । इसलिए अभीतक सामान्य विधेयकके आनेकी सम्भावना है। मेरी सबसे ताजी खबर यह है -दोनों प्रस्ताव अभी दौड़में बराबर-बराबर चल रहे हैं। यदि सामान्य विधेयक पास हो जाता है तो फ्री स्टेट सम्बन्धी प्रतिबन्ध हटा दिया जायेगा। लेनने मुझे बताया कि शायद वे मुझे बुधवारको कोई निश्चित जानकारी दे सकेंगे।

  1. पोलकने रिचके नाम डनसे लिखे अपने १५-४-१९११के पत्रमें इस तारको उद्धत करते हुए कहा है कि वह उन्हें गांधीजीसे अभी-अभी मिला है । (एस०एन०५४६४)
  2. यहाँ कुछ शब्द पढ़े नहीं जा सके ।
  3. हबर्ट जॉन ग्लेडस्टन (१८५४-१९३०); प्रथम वाइकाउंट; ब्रिटिश राजनयिक संसद सदस्य, १८८०-१९१०; युद्ध मन्त्रालयमें क्रमश: आर्थिक कार्य मन्त्री, गृह-उपमन्त्री और गृह-मन्त्री । सन् १९१०में दक्षिण आफ्रिकाके गवर्नर-जनरल और उच्चायुक्त नियुक्त; इन पदोंपर वे १९१४ तक रहे ।
  4. जनरल स्मट्स।