६०४ सम्पूर्ण गांधी वाङमय दिसम्बर २२ : दयालबन्धुओंको, जो अपनी पत्नियोंके साथ भारतसे ट्रान्सवाल आ रहे थे, प्रवासी अधिकारी कज़िन्सने डर्बनमें उतरनेकी अनुमति नहीं दी । दिसम्बर २८ : भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेसके बांकीपुर अधिवेशनमें गो० कृ० गोखलेका गिरमिट प्रथाको सर्वथा बन्द कर देनेकी माँगसे सम्बन्धित प्रस्ताव पास । 'इंडियन ओपिनियन' में लिखते हुए गांधीजीने आतंकवादियों द्वारा दिल्ली में लॉर्ड हार्डिजकी हत्या करनेके प्रयत्नोंकी निन्दा की । दिसम्बर ३० : आगजी और अमीअप्पन दोनों दुबारा विवाह करके भारतसे लौट कर डर्बन पहुँचे । आगजीकी पत्नीको जहाज से उतरनेकी इजाजत नहीं दी गई और अमीअप्पनकी पत्नीको प्रवेशकी अनुमति देनेसे इनकार कर दिया गया। जनवरी २: गांधीजीका डर्बनसे प्रस्थान । १९१३ जनवरी ३ : डर्बनकी गोखले समितिने आगजी और अमीअप्पनके मामलेके बारेमें गृह- मन्त्रीको तार दिया । जनवरी ४ के पूर्व : गज्जर नामक केपके एक भारतीयको जो डर्बन गया था, राज- नीतिक प्रवासी घोषित किया गया । एच० एस० एल० पोलकने नेटालके प्रवासी अधिकारी कजिन्स द्वारा दयालबन्धुओंको तंग करनेके सम्बन्धमें गृहमन्त्रीके सचिवको लिखा; दयालबन्धु तथा गज्जरके बारेमें 'नेटाल मर्क्युरी'को भी लिखा । 'नेटाल मर्क्युरी'ने सम्पादकीय में कज़िन्सकी कड़ी निन्दा की । जनवरी ४ : गांधीजी जोहानिसबर्ग पहुँचे । 'इंडियन ओपिनियन' में लिखते हुए बम्बई तथा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेसके बांकीपुर अधिवेशन में दक्षिण आफ्रिकी भारतीयोंकी समस्याओंपर दिये गये गोखलेके भाषणोंकी सराहना की। एक और लेखमें 'इंडियन ओपिनियन' के अभिन्यास तथा विषयसूची में किये गये परिवर्तनोंका विवेचन किया। 'इंडियन ओपिनियन' के गुजराती विभाग में सामान्य ज्ञान तथा स्वास्थ्यपर लेख- मालाएँ प्रारम्भ कीं । जनवरी ७: अ० मु० काछलियाने दयालबन्धुओंके बारेमें गृहमन्त्रीके सचिवको लिखा । जनवरी ८ : एशियाई पंजीयक द्वारा फोक्सरस्टमें रोके गये दयालबन्धुओंपर मुकदमा चलाने का आदेश । जनवरी ११ के पूर्व : हैरी स्मिथकी कज़िन्सके स्थानपर नेटाल प्रवासी अधिकारीके रूप में नियुक्ति । जनवरी ११ : 'इंडियन ओपिनियन' में निज़ाम द्वारा सत्याग्रह कोषके लिए २,५००रु० देनेकी घोषणा प्रकाशित । जनवरी १८ के पूर्व : गांधीजी व स्कूल टॉल्स्टाय फार्मसे फीनिक्स स्थानान्तरित । Gandhi Heritage Portal
पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 11.pdf/६४२
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